एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के नाम से मंत्रिमंडल विस्तार का खुलेगा ताला

जयपुर :-
लंबी जद्दोजहद के बाद गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार का "एक व्यक्ति एक पद" सिद्धांत को लागू कर रास्ता खोला गया है। इस विस्तार से कांग्रेस यह संदेश देना चाहेगी कि अब सब कुछ ठीकठाक है और पार्टी ने 2023 के चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले डेढ़ साल से कांग्रेस में हो रही उठापटक से हर कोई वाकिफ है। राज्य सरकार के चौतरफा प्रयासों के बावजूद जनता और कार्यकर्ताओं में अपनी ही सरकार के प्रति बेहतर सोच नहीं रही है। हालांकि कांग्रेस ने उपचुनाव और पंचायत चुनाव में बेहतर नतीजे दिए हैं। जिससे दिल्ली में गहलोत मजबूत तो दिखे लेकिन प्रदेश भर में कांग्रेस का संगठन ना होने और निर्वाचित प्रतिनिधियों और दूसरे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां न मिलने से शिथिलता का वातावरण बना रहा।
मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद के तीन वरिष्ठ सदस्य चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. अब मंत्रिमंडल में इन तीन कद्दावर नेताओं की जगह कौन लेगा,यह एक अहम सवाल है क्योंकि इस्तीफा देने वाले दो जाट और एक ब्राह्मण हैं,तो जाहिर है इनकी पूर्ति इन्हीं जाति से होगी। चौधरी की जगह हेमाराम चौधरी आना लगभग तय है तो डोटासरा की जगह शेखावाटी से जाट विधायक को ही लिया जाएगा। जिसमें प्रमुख रुप से महादेव सिंह खंडेला का नाम उभर कर सामने आया है। डॉ.शर्मा की जगह मुख्य सचेतक डॉ.महेश जोशी ले सकते हैं। इनके अलावा करीब 9 मंत्री और बनाए जा सकते हैं जिनमें महिलाओं, अनुसूचित जाति जनजाति से आने वाले विधायकों को तरजीह दी जाएगी।
मंत्रियों के अलावा अच्छी खासी संख्या में संसदीय सचिव भी बनाए जाएंगे। जिनमें निर्दलीय, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के साथ-साथ पार्टी के कई विधायकों को पद से नवाजा जा सकता है।
प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में कौन मंत्री बनेगा? कल होगा या फिर परसों मंत्रिपरिषद का विस्तार, इन्हीं बिंदुओं को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।एक बात साफ है एक्सरसाइज के नाम पर मीडिया में कितने ही चर्चे हो लेकिन हाईकमान की आड में खेल सारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही खेलेंगे। यह आने वाला समय साफ कर देगा।