एसएफआई अखिल भारतीय छात्रा अधिवेशन की शुरुआत विशाल रैली और जनसभा के साथ

सीकर: 3 दिवसीय एसएफआई अखिल भारतीय छात्रा अधिवेशन आज राजस्थान के सीकर में एक विशाल रैली के साथ शुरू हुआ। अधिवेशन में 200 प्रतिनिधियों और देश भर से केंद्रीय कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ हजारों छात्रों ने एसके खेल मैदान से ढाका भवन तक मार्च किया।

मार्च का समापन एक जनसभा में हुआ जिसका उद्घाटन केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा टीचर ने किया। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ छात्र आंदोलन के गौरवशाली इतिहास के बारे में बात की जिसके माध्यम से एसएफआई अपनी विरासत को प्राप्त करता है। उन्होंने कहा, 'एसएफआई का कर्तव्य छात्रों के साथ-साथ उनके राज्यों के लोगों को समाजवाद के मूल्यों के बारे में शिक्षित करना और लोगों के संघर्षों को शुरू करना और उनका समर्थन करना है। यही कारण है कि केरल असाधारण सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में सफल रहा है।

अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष अमरा राम ने राज्य के शेकावाटी क्षेत्र में किसानों और छात्र आंदोलन की गौरवशाली विरासत के बारे में बताते हुए सीकर में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'मैं किसान सभा और संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एसकेएम को पिछले एक साल के दौरान एसकेएम के सभी आह्ववानो का बिना शर्त समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं। चाहे रेल रोको हो, भारत बंद हो, या अंबानी-अडानी के स्वामित्व वाले माल का बहिष्कार हो, एसएफआई के सदस्य इस कार्य को लागू करने में लगे थे। मैं किसानों के साथ खड़े होने के आपके साहस और दृढ़ संकल्प को सलाम करता हूं।

फिल्म अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता सोनिया मान ने किसान आंदोलन में भाग लेने के अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे आरएसएस और सरकार के गुंडों ने उन्हें बदनाम करके और लिंग आधारित गालियां देकर उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की। उन्होंने प्रतिनिधियों से मौखिक और शारीरिक हमलों के कारण न्याय के संघर्ष से पीछे नहीं हटने की अपील की।

अन्य वक्ताओं में एसएफआई अखिल भारतीय अध्यक्ष वीपी सानू, एसएफआई अखिल भारतीय महासचिव मयूख विश्वास, और एसएफआई अखिल भारतीय संयुक्त सचिव दिप्सिता धर सहित अन्य नेता शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन एसएफआई राजस्थान के राज्य सचिव सोनू जिलोवा ने किया जबकि एसएफआई राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड ने समापन  किया।

3 दिवसीय संगठनात्मक अधिवेशन का नारा है 'लड़कियों को कक्षा में वापस लाओ'। सम्मेलन देश भर में छात्राओं पर महामारी से प्रेरित परिसरों के बंद होने के प्रतिकूल प्रभावों पर चर्चा करेगा, और केंद्र और राज्य सरकारों को लागू करने के लिए मांगों के एक प्रारूप के साथ आएगा। अतिथियों ने आज 'भारतीय शोधकर्ता - एसएफआई के अनुसंधान जर्नल' के नवीनतम अंक का भी विमोचन किया, जो शिक्षा पर महामारी के प्रभाव पर विस्तृत अध्ययन और सर्वेक्षणों का जिक्र करता है।