कोटा में IIT कोचिंग छात्र ने की आत्महत्या , पढ़ाई को लेकर तनाव में था

कोटा:–
कोटा जिसे शिक्षा की काशी भी कहा जाता है में एक बार फिर एक छात्र ने पढ़ाई के तनाव के चलते आत्महत्या कर ली । आईआईटी की कोचिंग करने वाले छात्र ने शुक्रवार की दोपहर में अपनी मां के सामने ही नवीं मंजिल से छलांग लगा दी जिसके बाद उसे बिल्डिंग के लोग उसे हॉस्पिटल ले गए लेकिन छात्र ने रास्ते में ही छात्र ने दम तोड दिया ।
छात्र कोलकाता(पश्चिम बंगाल) का रहने वाला था और यहां कोटा में करीब डेढ़ साल से अपनी मां के साथ रहकर कोचिंग कर रहा था ।
मृतक छात्र का नाम स्वर्णा था और उसकी उम्र महज 16 साल थी ।
मृतक की मां संगीता के अनुसार उनका बेटा स्वर्णा पढ़ाई को लेकर काफी ज्यादा तनाव में था और इसके लिए वह कोचिंग में उसके टीचर से बात भी करने वाली थी लेकिन इस बीच ही उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया ।
इस घटना का वीडियो CCTV में कैद हो गया जिसमे साफ देखा जा सकता है कि छात्र सिर और कोहनी के बल पर गिरा था और जहा पर छात्र गिरा वहा जमीन में गढ़ा हो गया ।
महज 16 साल की उम्र में इतना बड़ा कदम आखिर क्यों ?
क्या इंसान की जिंदगी से ज्यादा जरूरी है आईआईटी/मेडिकल कॉलेज में प्रवेश? यह घटना जहन में बहुत सवाल पैदा करने वाली है । आखिर इतनी कम उम्र में आत्महत्या करने के ख्याल क्यों आते है ?
इस तरह की घटनाएं कोटा में बहुत आम हो गई है जो दर्शाती है बच्चो में पढ़ाई का तनाव और माता–पिता का दबाव ।
प्रशासन को कोचिंग छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर दिशा निर्देश जारी करने चाहिए ताकि कोचिंग , पैरेंट्स पढ़ाई को लेकर बच्चो पर अनावश्यक दबाव ना डाले ।
किसी स्टूडेंट का आत्महत्या करना पूरे समाज पर एक कलंक है ,कही ना कही हमारे एजुकेशन सिस्टम में ही दिक्कत है तभी पढ़ाई के तनाव में बच्चे इतनी कम उम्र में आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा रहे है ।
सभी स्टूडेंट्स से एक ही गुजारिश है कि अपनी मेहनत पर विश्वास रखो और पढ़ाई को लेकर जब भी तनाव आए , टेस्ट में नंबर कम आए तो अपने पेरेंट्स या मेंटर दोस्तो से बात करे,उनसे अपना दुःख साझा करे ।
जिंदगी में हर समस्या का समाधान है , इसको खुद से छीन लेना इसका समाधान नहीं है ।
हमेशा याद रखे असफलता ही सफलता की कुंजी है ।