राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी, पूर्व जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी से की वार्ता

जोधपुर।

राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता को लेकर अनेक संगठन अपनी मांग काफी वर्षो से उठा रहे। लेकिन अभी राजस्थानी भाषा को अपना स्थान नही मिला हैं। इसी मसले को लेकर यूट्यूब चैनल सीधी मारवाड़ी की प्रसिद्ध कौशल्या चौधरी ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सी आर चौधरी व पूर्व जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी से माउंट कार्मेल स्कूल में दौरे के दौरान वार्ता की। इस दौरान मुलाकात कर वर्तमान शिक्षा पद्दति के साथ संस्कृति, संस्कारों और भाषा की महता के बारे में अपने विचार व्यक्त किये और राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की संभवनाओ पर विस्तार से चर्चा की। कौशल्या चौधरी ने बताया कि भाषा प्रेमियों के मुताबिक राजस्थान में 2011 की जनगणना में 4 करोड़ 83 लाख लोगों की मातृभाषा राजस्थानी बताई गई। घूमर विश्व के 10 प्रमुख नृत्यों में से चौथे स्थान पर आज भी है। राजस्थान के काल बेलिया नृत्य को यूएनओ द्वारा विश्व विरासत घोषित किया है। राजस्थानी भाषा को अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने 13 समृद्ध भाषाओं में शामिल किया हुआ है। यहां तक कि हाईकोर्ट ने मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा में मुकदमे की सुनवाई और प्रक्रिया को लिखवाया गया। इसलिए अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को अविलंब संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना चाहिए। वही बताया कि भाषा सामाजीकरण और शिक्षा में अहम् भूमिका अदा करती है। छात्रों को अपने देश की स्थानीय भाषाओं से परिचित होना जरूरी है। क्योंकि उसी के ज़रिए वो अपनी संस्कृति की आत्मा को गहराई से जान सकते हैं।

शिक्षकों को भी शिक्षा के साथ छात्रों में अच्छे संस्कार व भाषा का भाव जागृत करना चाहिए। कौशल्या चौधरी की मांग पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सी आर चौधरी व पूर्व जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर जल्द केंद्र सरकार के मंत्री व संबंधित विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर इस सम्बंध में चर्चा करने का आश्वस्त किया।