मधुमेह कारण लक्षण निदान और उपचार


मधुमेह रोग के बारे में सबको जानना क्यों जरूरी है ? इसका मुख्य कारण है कि मधुमेह रोग के मामले पिछले तीन दशकों में 150% से बढ़े है और भारत में डायबिटीज विकराल रूप से बढ़ता ही जा रहा । दुनिया में मधुमेह रोग का हर छठा मरीज भारतीय है । ICMR-NCDIR की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में 9.3 प्रतिशत वयस्क मधुमेह रोग से पीड़ित है ,इसलिए यह चिंता का विषय बनता जा रहा है  ।

मधुमेह क्या है?

मधुमेह रोग को वैज्ञानिक रूप से डायबिटीज मेलिटस के नाम से जाना जाता है । मधुमेह एक मेटाबॉलिज्म संबधी रोगों का समूह है जो इन्सुलिन स्राव , इन्सुलिन क्रिया , या दोनो के परिणामस्वरूप रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) में होने वाली वृद्धि है जिसे वैज्ञानिक भाषा में हाइपरग्लाइसीमिया कहा जाता है ।

सामान्य तौर पर रक्त शर्करा का स्तर 70mg/dl - 100mg/dl तक होता है ।मधुमेह रोग में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से बहुत अधिक बढ़ जाता है जिससे शरीर में अनेक प्रकार के लक्षण दिखाई देते है और धीरे धीरे यह शरीर के अन्य अंगों के कार्य को भी प्रभावित करने लग जाता है ।

मधुमेह के मुख्य प्रकार:

टाइप 1: अग्नास्य (pancreas) की बीटा कोशिकाएं उचित मात्रा में इन्सुलिन नहीं बना पाती है ।


टाइप 2 : इसमें शरीर की कोशिकाएं इन्सुलिन के लिए प्रतिक्रिया नहीं करती है ।

गर्भावधि मधुमेह जो की गर्भावस्था के दौरान महिलाओ में रक्त शर्करा को बढ़ा देता है।

मधुमेह के लक्षण :

1: अत्यधिक प्यास लगना 

2: भूख का बार बार लगना 

3:खाना खाने के बाद भी थकान महसूस होना 

4: बार बार पेशाब करने का अनुभव होना ,विशेष रूप से रात में ।

5: घाव का बहुत धीरे भरना 

6:बार–बार शरीर का संक्रमण से ग्रसित होना 

7:हाथ /पैर में सुन्नापन महसूस होना 

8:बार–बार खाने की इच्छा होना 

9: अचानक से वजन घटना 

10: त्वचा पर संक्रमण होना 

अगर इनमे से कोई भी लक्षण आपको दिखाई दे तो इन्हे अनदेखा ना करे बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या डॉक्टर्स से परामर्श करे और उचित सलाह ले ।

मधुमेह का निदान :

मधुमेह के निदान(Diagnosis) के लिए निम्नलिखित परीक्षण (Tests) किए जाते है ।

1 :फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट (Fasting blood sugar test)

यह परीक्षण उपवास (8 घंटे) के बाद आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बताता है ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health organization) के अनुसार यदि आपका रक्त शर्करा स्तर है :

 : 70–99mg/dl है तो ये सामान्य स्तर है ।

 : 100–125mg/dl है तो ये प्री–डायबिटीज की स्थिति है ।

 : अगर 126mg/dl या इससे अधिक स्तर है तो ये मधुमेह की स्थिति है ।

2: रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट(Random blood sugar test) -

 यह जांच कभी भी की जा सकती है और यह परीक्षण के समय रक्त शर्करा के स्तर को बताता है ।

 : 70–140mg/dl सामान्य

: 140–200mg/dl प्री –डायबिटिक। स्थिति

: 200mg/dl या इससे ज्यादा मधुमेह रोग

3: ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट(Oral glucose tolerance test) -

इस परीक्षण में दो बार रक्त नमूनों की जांच की जाती है ।

पहला सैंपल 8 घंटे के उपवास के बाद लिया जाता है जबकि दूसरा सैंपल आपको एक स्टैंडर्ड ग्लूकोज का लिक्विड दिया जाता है उसके एक या दो घंटे बाद लिया जाता है ।

यदि रक्त शर्करा का स्तर निम्न है–

 : 70–140mg/dl सामान्य

: 140–200mg/dl प्री –डायबिटिक। स्थिति

: 200mg/dl या इससे ज्यादा मधुमेह रोग

4: हीमोग्लोबिन HbA1c टेस्ट –

यदि HbA1c का स्तर निम्न है –

: 5.7% या इससे कम है तो सामान्य 

: 5.7% –6.4% है तो प्री –डायबिटिक

: 6.5% या इससे अधिक तो मधुमेह

मोटापा , शारीरिक गतिविधि कम करना, उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले आहार लेना , मधुमेह का पारिवारिक इतिहास , उच्च रक्तचाप आदि मधुमेह रोग का कारण बन सकते है ।


मधुमेह का इलाज :

दवाई: हमेशा डॉक्टर्स से नियमित रूप से सलाह लेते रहे । रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इन्सुलिन हार्मोन थैरेपी या अन्य दवाइया डॉक्टर की सलाह के अनुसार ले ।

जीवनशैली में बदलाव :नियमित रूप से व्यायाम , शारीरिक गतिविधियों वाली कसरत करे।

आहार परिवर्तन: कम कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन को डाइट में शामिल करे ।

हरी सब्जियों का सेवन भरपूर करे ।

नियमित रूप से रक्त शर्करा (blood sugar), रक्त चाप(blood pressure) की जांच करवाए ।

दवा हमेशा चिकित्सक की सलाह से ही ले और अचानक अपनी दवाइया बंद ना करे ।


✍️ मनोज कुमार जाट