अवसाद – क्या है कारण लक्षण निवारण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health organization) के अनुसार डिप्रेशन एक सामान्य बीमारी है जो लगातार उदासी और उन गतिविधियों में रुचि की कमी की विशेषता है जो सामान्य रूप से हम आनंद के साथ करते है  साथ ही कम से कम दो सप्ताह तक दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थता के साथ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में लगभग 280 मिलियन लोगों को डिप्रेशन है ।

और सबसे बुरी स्थिति में, डिप्रेशन  आत्महत्या का कारण बन सकता है।  हर साल 700,000 से अधिक लोग आत्महत्या के कारण मर जाते हैं।  आत्महत्या 15-29 वर्ष के बच्चों में मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है।

डिप्रेशन एक मनोदशा विकार (Mood  disorder) है जो  आपकी दिनचर्या , सोचने की क्षमता , काम करने की क्षमता  को प्रभावित करता है जो हमारे शरीर को बुरी तरह से प्रभावित करता है ।

भारत में डिप्रेशन के मामले काफी तीव्र गति से बढ़ रहे है जो कि एक चिंता का विषय है ।

सामान्य तौर पर कभी कभार होने वाला तनाव ,चिंता होना परेशानी का विषय नहीं है लेकिन अगर ये तनाव चिंता हमारे दिनचर्या का ही हिस्सा बन जाए तो ये बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है ।

छोटे मोटे तनाव तो इंसान की जिंदगी का हिस्सा है जैसे अगर आप विद्यार्थी हैं तो परीक्षा की चिंता , ऑफिस के काम का तनाव ये सब आम है लेकिन ये तनाव हमारे जीवन में अनियंत्रित रूप से हावी नही होना चाहिए क्योंकि इससे हमारे मस्तिष्क ,शरीर पर बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और धीरे धीरे ये सामान्य स्ट्रेस डिप्रेशन का विकराल रूप धारण कर लेता है ।

डिप्रेशन के कारण–

डिप्रेशन का कोई एक कारण नहीं होता है सब व्यक्तियों में डिप्रेशन के अलग अलग कारण होते है ।

आइए जानते है  डिप्रेशन के कुछ मुख्य कारणों के बारे में ।

• दर्दनाक या तनावपूर्ण घटना (Traumatic events) – जैसे शादी शुदा जीवन से खुश ना होना , प्रियजन से बिछड़ जाना , परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाना , आर्थिक समस्या , नौकरी नहीं मिलना , तलाक। ऐसे अनगिनत कारण डिप्रेशन का कारण बन सकते है ।

• नशा –नशे के आदी व्यक्ति में सहनशक्ति कम हो जाती है और वो धीरे धीरे परिवार समाज से दूर होने लग जाते है और वास्तविकता से उनका नाता टूट जाता है जिससे छोटी छोटी बातें उन्हें बहुत परेशान करती है और वो डिप्रेशन में चले जाते है ।भारत में अल्कोहल , ड्रग्स डिप्रेशन का एक बहुत बड़ा कारण है ।

• दीर्घकालीन बीमारी((Chronic disease) का होना जैसे कैंसर ,थायराइड डिसऑर्डर ।इससे व्यक्ति  चिड़चिड़ा  होने लगता है और धीरे धीरे ये चिड़चिड़ापन व्यक्ति को डिप्रेशन में धकेल देता है ।

•पुरानी मानसिक बीमारी का इतिहास ।

• नींद की कमी –एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए व्यक्ति को 6–8 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी होता है । नींद की कमी से व्यक्ति अपना काम ढंग से नही कर पायेगा और अगर ये सिलसिला लंबे समय तक चलता है तो व्यक्ति को नशे की लत लग सकती है ,और धीरे धीरे डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है ।

• आनुवंशिक कारण भी डिप्रेशन का एक बहुत बड़ा कारण होता है ।

• समाज –कुछ व्यक्ति हमेशा ये सोचते है कि अगर मैने ये किया तो समाज में लोग क्या सोचेंगे और वो इस समाज के डर को अपने दिमाग में ही लिए बैठे रहते है और डिप्रेशन के शिकार हो जाते है ।

•हार्मोन में बदलाव जैसे राजोनिवृति (Menopause) थायराइड की बीमारी , डायबिटीज भी डिप्रेशन का कारण बन सकते है ।

डिप्रेशन के लक्षण–

• बेवजह उदास रहना 

• छोटी छोटी बातो पर गुस्सा करना 

• चिड़चिड़ापन

• काम में या ऑफिस में मन नही लगना 

•हमेशा थकावट महसूस होना

•खुद को अकेला ही रखना जैसे अपने कमरे से बहुत कम बाहर आना

•लोगो से कम मिलना जुलना

•सामाजिक कार्यक्रमों में नही आना 

•खेलकूद दिनचर्या में रुचि नहीं लेना

• छोटी छोटी गलतियों पर खुद को कोसना ,खुद को सजा देना 

•आत्महत्या करने के ख्याल आना ,आत्महत्या का प्रयास करना

•हमेशा बैचेन रहना ,भूख नही लगना 

•नींद नही आना 

•सिर दर्द , पीठ दर्द  होना 

•सबसे अलग रहना 

•सोचने ,निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाना

•किसी भी कार्य में ध्यान केंद्रित ना कर पाना

डिप्रेशन का निवारण–

अगर व्यक्ति  डिप्रेशन से पीड़ित है तो कभी भी घबराना नही चाहिए इसका पूर्ण इलाज है ।

•सबसे पहले व्यक्ति को मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए और उचित सलाह ले और उसके अनुसार दवाई भी नियमित रूप से समय पर ले ।

मनोचिकित्सक के पास जाने में बिल्कुल संकोच ना करे ।

• अपने परिवार ,दोस्तो से मिलते रहे,बाते करे ,आप कैसा महसूस कर रहे है ये बताए ।

• अपनी दिनचर्या में सुधार करे , सही समय पर सोना –उठना , सही समय पर भोजन करना ।

•अपनी दिनचर्या में योग ,ध्यान ,व्यायाम , खेलकूद या अन्य शारीरिक गतिविधियां जरूर शामिल करे इससे शरीर और मस्तिष्क तरो ताज़ा महसूस होंगे ।

• अगर आपको किसी प्रकार की लत है जैसे धूम्रपान,शराब ,ड्रग्स आदि तो इन्हे तुरंत प्रभाव से छोड़ दे ।

•अपने आहार में हरी सब्जियां ,फल शामिल करे ,अधिक मात्रा में पानी पिए इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और आप अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा ।

•स्वयं को सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल करे ,लोगो से घुले मिलने की आदत डाले ।

हमेशा याद रखे जीवन बहुत कीमती है इसलिए हमेशा अपना और अपनो का ख्याल रखे ।

✍️मनोज कुमार जाट