स्तन कैंसर कारण शुरूआती लक्षण निदान और उपाय

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पिछले कुछ सालों में भारत में स्तन कैंसर के मामले ग्रामीण और शहरी दोनो क्षेत्रों में बहुत तेजी से बढ़ रहे है ।ताजा आंकड़ों के मुताबिक महिलाओ में होने वाले समस्त कैंसर में सबसे ज्यादा मामले स्तन कैंसर (14%) के है । मुख्य तौर पर स्तन कैंसर महिलाओ में ही होता है लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में पुरुषों में भी स्तन कैंसर हो सकता है । तो आइए आज हम जानते है स्तन कैंसर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां ।

स्तन कैंसर क्या है ?

स्तन कैंसर , स्तन कोशिकाओं में होने वाली असामान्य , अनियंत्रित वृद्धि है । आमतौर पर कोशिकाओं का विभाजन नियंत्रित होता है लेकिन कैंसर कोशिकाओं में कोशिका विभाजन अनियंत्रित हो जाता है और ये कैंसर कोशिकाएं अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करती है ।

स्तन कैंसर के जोखिम कारक–

   – पारिवारिक इतिहास जैसे कि नजदीकी संबंध रखने मां ,मौसी ,बहन को अगर स्तन कैंसर है तो स्तन कैंसर होने का खतरा और बढ़ जाता है 

   – हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी यानी की हार्मोन्स का लंबे समय तक आपके शरीर में रहना जैसे की एस्ट्रोजन हार्मोन थैरेपी

  – गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक सेवन 

 – माहवारी (Menarche) का जल्दी आना , आमतौर पर 12 साल से पहले अगर माहवारी शुरू होती है तो स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है ।

 – रजोनिवृत्ति (Menopause) का देरी से होना , आमतौर पर अगर रजोनिवृत्ति 55 साल बाद होती है तो स्तन कैंसर का जोखिम और ज्यादा बढ़ जाता है ।

– मोटापा ,इससे स्तन का घनत्व बढ़ जाता है और स्तन कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है ।

– रेडिएशन से भी स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ता है ।

– व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियां का दैनिक दिनचर्या में ना होना ।

– असंतुलित खानपान 

–शराब और धूम्रपान 

– आनुवंशिक कारण: BRCA 1 जीन, BRCA 2 जीन में उत्परिवर्तन का होना।

स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण –

–स्तन में सूजन या गांठ का होना यह गांठ कोमल या कठोर भी हो सकती है ।

– स्तन की त्वचा का लाल होना या त्वचा में जलन होना।

–निप्पल से असामान्य तरल का स्राव होना ।

– निप्पल का अंदर की ओर धंसना।

– निप्पल में दर्द का होना ।

–बगल/अंडरआर्म में गांठ का होना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है ।

– स्तन के आकार में बदलाव

ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन यानी स्वयं के द्वारा स्तन की जांच–

हर महिला को अपने स्तन की जांच अवश्य करनी चाहिए क्योंकि स्तन कैंसर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे है और अगर स्तन कैंसर को शुरुआती अवस्था में पहचान लेते है तो इलाज आसानी से हो जाता है ।

स्तन में होने वाले परिवर्तन को जानने के लिए एक महिला को समय–समय पर अपने स्तन की जांच स्वयं करनी चाहिए जैसे की स्तन के आकार में परिवर्तन ,निप्पल से किसी प्रकार का स्राव/डिस्चार्ज , स्तन में कोई गांठ , 

स्तन की त्वचा के रंग में परिवर्तन , सूजन , डिंपल का पड़ना इत्यादि ।

इसकी मदद से महिला को कैंसर के शुरुआती संकेत के बारे में पता लग जाता है ।

स्तन कैंसर से बचाव के उपाय–

– वजन को नियंत्रित रखना 

– अपने आहार में संतुलित मात्रा में फल,सब्जी को शामिल करे।

– शराब, धूम्रपान का सेवन ना करे।

–अपनी दिनचर्या में योगा, व्यायाम को शामिल करे ।

–समय –समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श ले ।

स्तन कैंसर का इलाज–

यदि स्तन कैंसर शुरुआती अवस्था(स्टेज) में पता चल जाता है तो इलाज प्रभावी रूप से किया जा सकता है ,इससे 90% या उससे अधिक जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है ।

स्तन कैंसर का इलाज मुख्य रूप से शल्य चिकित्सा/सर्जरी (Mastectomy, Lumpectomy), कीमोथेरेपी, हार्मोन थैरेपी ,टारगेटेड थैरेपी , रेडिएशन थैरेपी की मदद से किया जाता है ।

-मनोज कुमार जाट