लोकतंत्र के रीढ़ की हड्डी है पंचायत चुनाव,फिर ऐसा मजाक क्यों :- नारायण त्रिपाठी

सतना - विधायक नारायण त्रिपाठी ने पंचायत चुनाव पर सवालिया निशान लगाते हुए पिछड़ा वर्ग के साथ किया गया घिनौना मजाक करार दिया है। नारायण त्रिपाठी ने कहा कि हिन्दुस्तान के रीढ़ की हड्डी है पंचायत चुनाव जिन्हें 5 वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी विगत दो वर्षो से कोई न कोई पेंच फसा रोका जा रहा है और चुनाव नहीं हो पा रहे है। ग्राम पंचायत के चुनाव को आज मजाक बना दिया गया जबकि माननीय न्यायालय,चुनाव आयोग,और सरकार सभी मौजूद है लेकिन किसको क्या बोला जाय समझ से परे है। आज ग्राम पंचायतो के तमाम विकाश कार्य ठप्प पड़े है,छोटे छोटे विकाश के कार्य गावो में रुके पड़े है जिससे आम जनता के सरोकार बाधित है विकाश का कोई पैमाना तय न होने से मनमर्जी के कार्य संचालित है। निश्चित ही त्रिस्तरीय पंचायती राज का इससे बड़ा मजाक कुछ और नहीं हो सकता आज चुनाव किसी तरह से कराये जा रहे है लेकिन त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ओबीसी का पञ्च सरपंच जनपद जिला पंचायत का कोई सदस्य किसी का चुनाव नहीं होगा तो यह प्रक्रिया तो अधूरी ही रहेगी। जबकि माननीय उच्च अदालत ने कहा है कि चुनाव परिणाम सभी के एक साथ आएंगे मतलब चुनाव होगा लेकिन जनपद जिला पंचायत आदि का गठन तबतक रुका रहेगा जबतक सभी चुनाव नहीं हो जाते। आखिर यह कैसा चुनाव है इतने गंभीर मुद्दे पर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया।विधायक त्रिपाठी ने कहा कि जब पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन हुआ संवैधानिक दर्जा दिया गया फिर उनके साथ इतना भद्दा मजाक क्यों हुआ।आपने 27 प्रतिशत आरक्षण दिया आयोग का गठन किया, दर्जा दिया उसे भी मजाक बना दिया। उन्होंने कहा कि हमने तो जब आयोग गठन हुआ तो धन्यवाद दिया संवैधानिक दर्जा दिया तब भी धन्यवाद दिया।हम तो हमेशा से कहते आये है कि सभी वर्गो के आयोग बने सबको संवैधानिक दर्जा मिले,सवर्ण आयोग के गठन की हम लगातार मांग कर रहे है लेकिन ऐसा करने मात्र से क्या होगा जबतक इनके विकाश की समुचित रूपरेखा नहीं बनेगी कोई औचित्य नहीं। आखिर कबतक आरक्षण का लालीपाप दिखाकर इन समाजो का शोषण किया जायेगा। जबतक हम इनकी मुलभुत आवश्यकताओं प्रमुख रूप से शिक्षा के स्तर पर सुधार नहीं करते जबतक हम नहीं सोचते की सभी पढ़े लिखे लोग हो तब तक कुछ होने वाला नहीं। शिक्षा व्यवस्था अगर सुदृढ़ हो जाय तो आरक्षण की आवश्यकता अपने आप ख़त्म हो जायेगी।आखिर कोई तो बताये कि आरक्षण का फायदा किसको मिल रहा है आरक्षण में सरकारे दे क्या रही है आखिर हम कबतक मजाक बनते रहेंगे और सरकारे हमारा फायदा उठा गद्दी में काबिज होती रहेंगी। आज आरक्षण का फायदा शिर्फ़ उन्हें मिल रहा है जो सक्षम है। हमारा हर वर्ग का गरीब और गरीब होता जा रहा है शोषण का शिकार हो रहा है। विधायक त्रिपाठी ने कहा आयोग के गठन और संवैधानिक दर्जा देने मात्र से कुछ नहीं होने वाला जबतक इनके समुचित विकाश के पैमाने रूपरेखा नहीं बनेगी उनपर अमल नहीं होगा सार्थक प्रयास नहीं किये जाएंगे। तमाम आयोग का गठन तो हुआ लेZकिन लोगो को मिला क्या शिर्फ़ मजाक बनाया गया आज वही हाल पिछड़ा वर्ग का किया गया। इसलिए मैं पुनः कहता हु कि या तो पूर्ण चुनाव कराये जाय नहीं तो पूर्ण रूप से निरस्त किये जाय क्योकि अगर हमारे गावो का विकाश नहीं होगा तो देश के विकाश की परिकल्पना कैसे की जा सकती है क्योकि देश के विकाश के द्वार हमारे गावो से खुलते है।