साहित्य अकादमी करेगी कवि छायण की पुस्तक प्रकाशित

छायण

हिंदी, डिंगळ व राजस्थानी के ख्यातनाम युवा कवि-साहित्यकार महेन्द्रसिंह छायण परंपरा व मानवीय मूल्यबोध के संवाहक रचनाकार हैं। कवि छायण की हिंदी काव्य-कृति 'मैं थार हूं' का प्रकाशन राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के सौजन्य से होगा। अकादमी के सचिव डॉ.बसंतसिंह सोलंकी ने बताया कि 'पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग' योजना के अंतर्गत कवि छायण की कृति का चयन हुआ हैं। इस कृति में आंचलिकता का स्वर मुखर हुआ हैं, वहीं पश्चिमी रेगिस्तान के हृदयग्राही रूप-चित्र हैं। भाव, भाषा व शिल्प की दृष्टि से यह कृति महत्त्वपूर्ण हैं। 32 कविताओं का यह संग्रह लोक-जीवन का धड़कता अध्याय हैं। 

    कवि छायण की इससे पूर्व पांच किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।‌ हाल ही में इन्हें भारत सरकार की सर्वोच्च साहित्यिक संस्था साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ने राजस्थानी भाषा के युवा पुरस्कार से पुरस्कृत किया हैं। साहित्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले युवा कवि महेन्द्रसिंह मूलतः जैसलमेर के छायण गांव के निवासी हैं। कवि छायण कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, आलोचना आदि विधाओं में समान रूप से सृजनरत हैं।